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अब नैनीताल के डीएम ने लिखी प्रधानों को चिट्ठी

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कोरोना महामारी से बचाव को प्रशासन के सहयोग की अपील
कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
नैनीताल। हाल के दिनों में चम्पावत के जिलाधिकारी आएएस सुरेन्द्र नारायण पांडेय ने ग्राम प्रधानों को कुमाऊंनी में चिटठी लिखकर अपने दायित्यों का निष्ठा से निर्वहन करते हुए प्रशासन के सहयोग की अपील की थी। अब नैनीताल के जिलाधिकारी आईएएस सविन बंसल ने भी ग्राम प्रधानों को पत्र लिखकर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए सहयोग मांगा है।
ग्राम प्रधानों को भेजे पत्र में जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा है कि वर्तमान में सम्पूर्ण देश व विश्व कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी से प्रभावित है। इस महामारी के कारण देश के विभिन्न भागांे से प्रवासी जनपद नैनीताल के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने घरों में आ रहे हंै। ऐसे में यह भी सम्भावना रहेगी कि यदि इनमे से कोई पूर्व से कोरोना वायरस से संक्रमित होगा तो गांव में संक्रमण फैल सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में उत्तराखण्ड शासन द्वारा ग्राम पंचायत में आने वाले सभी बाहरी लोगों के निगरानी, क्वारन्टाइन करने, घर पर क्वारन्टाइन के लिएआवश्यक सुविधा व पृथक कक्ष न होने पर संबिंधत व्यक्तियों को निकटवर्ती विद्यालय, पंचायत भवन, अन्य सामुदायिक स्थान में क्वारन्टाइन किये जाने एवं इन स्थानों में बिजली, पानी, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था करने तथा संबंधित के स्वास्थ्य रिथति पर नजर रखते हुए किसी लक्षण की रिथति में स्वारथ्य विभाग को सूचना उपलब्ध करवाने आदि के दायित्व प्रधान अपनी भूमिका निभाएं।
कहा है कि इस व्यवस्था में व्यवधान पैदा करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्यवाही प्रारम्भ करने के अधिकार आपको प्रदान किये गये हैं। उन्हांेने कहा कि समस्त व्यवस्था में ग्राम प्रधान तैनात कर्मचारियों, अधिकारियों का सहयोग ले सकते हैं। बंसल ने कहा ग्राम पंचायत में क्वारन्टाइन किये गये लोगों के निगरानी और आवश्यक व्यवस्था में सहयोग के लिए सभी ग्राम पंचायतों में एक-एक सरकारी कर्मचारी की तैनाती आपके सहयोग के लिए की गयी है। सभी ग्राम पंचायतों में आने वाले प्रवासियों का विवरण एक रजिस्टर पर तैयार किया जाये। विद्यालय, पंचायत भवन, अन्य सामुदायिक स्थान की साफ-सफाई, सेनिटाईजेशन के लिए छिड़काव, महामारी से बचाव के संबंध में जनजागरूकता को दीवार लेखन आदि पर व्यय का वहन ग्राम पंचायत की स्वयं के राजस्व वित्त आयोग की कन्टींजेन्सी की धनराशि से कर सकते हंै।
जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि ग्राम पंचायत में आने वाले प्रवासी चूॅकि संबंधित गांव के ही निवासी हैं, अतः सामुदायिक स्थानों में क्वारन्टाइन किये जाने पर उनके भोजन, बिस्तर आदि की व्यवस्था उनके घरों से करा ली जाये। यदि संबंधित प्रवासी के घर के लोग बहुत गरीब होने के कारण यह व्यवस्था करने में सक्षम नहीं है, तो इनके लिए भोजन, बिस्तर आदि की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा तात्कालिक रूप से करते हुए उसकी प्रतिपूर्ति वित्त आयोग की कन्टींजेन्सी मद में उपलब्ध धनराशि से कर सकते है। उन्हांेने कहा कि ऐसे प्रवासी जिनके पास आॅनलाइन राशनकार्ड नहीं है और उन व्यक्तियों को सन्निर्माण श्रमिक के रूप में भी श्रम विभाग, उत्तराखण्ड से कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, को चिन्हित करते हुए ऐसे प्रवासियों की सूची ग्राम पंचायत अधिकारी को उपल्ब्ध करा दी जाये और इस प्रकार के पात्र प्रवासियों को तहसील के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष राशन किट उपलब्ध करा दी जायेगी।
जिलाधिकारी बंसल ने कहा कि विद्यालय, पंचायत भवन, अन्य सामुदायिक स्थान में क्वारन्टाईन किये गये प्रवासियों के लिए आवश्यक व्यवस्था में वित्त आयोग की कन्टींजेन्सी मद में उपलब्ध ग्राम पंचायत में समाप्त हो जाने पर इस व्यवस्था में अधिकतम धनराशि 10 हजार की सीमा तक अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए बिल भुगतान के समायोजन को संबंधित उप जिलाधिकारी को उपलब्ध करा सकते हैं। उन्हांेने कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था के अन्तर्गत अनेक विषयों एवं दायित्वों के निर्वहन में ग्राम पंचायत और प्रधानों की उल्लेखनीय भूमिका रही है। उन्होंने अपील की कि इस कोरोना संक्रमण से बचाव को प्रधान अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

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