कुमाऊं जनसन्देश डेस्क
भीमताल। सरकार भूमिहीनों को छत की सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है। सरकार की मंशा के अनुरूप ग्राम्य विकास के अधिकारी भी योजना को धरातल पर उतारने में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत कोटाबाग में भूमिहीनों के लिए आवास बनाए जाने हैं। बकायदा इन आवासों को एक कालोनी के रूप में विकसित किया जाएगा जिसमें मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। आवास योजना और कालोनी के निर्माण को व्यवस्थित तरीके से कराने के लिए जिला विकास अधिकारी/जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की परियोजना निदेशक रमा गोस्वामी ने अधीनस्थों की विकास भवन भीमताल में बैठक लेकर आवश्यक कार्ययोजना पर चर्चा कर उचित निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत विकास खण्ड कोटाबाग में 47 भूमिहीन लाभार्थी परिवारों के लिए आवास निर्माण होना है।
डीडीओ रमा गोस्वामी ने कहा कि विकास खण्ड कोटाबाग ग्राम भवानीपुर गडियाल में 47 लाभार्थियों के लिए भवन निर्मित किये जाने हैं। इन भवनों को एक कालोनी के रूप विकसित किया जायेगा, जिसमें विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जायेगी। कालोनी में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए उरेड़ा, विद्युत खण्ड रामनगर कालोनी में विद्युत पोल, ट्रांसफार्मर एवं विद्युत संयोजन आदि का अंागणन तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। बताया कि पेयजल व्यवस्था जल जीवन मिशन के माध्यम से की जायेगी। यह व्यवस्था अधिशासी अभियंता जल संस्थान सुनिश्चित करेंगे। उन्हांेने बताया कि कालोनी की 490 मीटर चाहरदीवारी, मेरा गांव -मेरी सड़क के अन्तर्गत सड़क, गार्डन प्लान्टेशन, दुकान, आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की व्यवस्था खण्ड विकास अधिकारी द्वारा की जायेगी। प्लान्टेशन का कार्य उद्यान विभाग तथा मत्सय तालाब मत्स्य विभाग व मनरेगा से युगपतिकरण कर बनाये जायेंगे तथा स्वयं सहायता समूह के लिए वर्कशेड का प्रस्ताव खण्ड विकास अधिकारी द्वारा किया जायेगा। उन्होंने सहायक अभियंता डीआरडीए को कालोनी निर्माण योजना का पर्यवेक्षण करने के निर्देश दिये।
परियोजना निदेशक ने खण्ड विकास अधिकारी कोटाबाग को आवास निर्माण से सम्बन्धित विभागों से समन्वय कर आवास समयबद्ध पूर्ण करवाने के निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि आवासों को माॅडल आवास के रूप में विकसित किये जायेंगे। उन्होंने आवासों की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी एवं अभिलेखिकरण करने के निर्देश दिये। उन्हांेने कहा कि भवनों का निर्माण भूकम्परोधी तकनीकी से बनाये जायंेगे।