हल्द्वानी। यदि सही दिशा और मार्गदर्शन देने वाले मिल जाएं जो गलत रास्ते में जा चुके लोग भी अपने जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उपकारागार हल्द्वानी और बड़ौदा स्वरोजगार संस्थान के प्रयास अगर फलीभूत हुए तो जेल में बंदी महिलाएं वापस लौटने के बाद स्वरोजगार करती नजर आएंगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि उपकारागार हल्द्वानी में आयोजित स्वरोजगार प्रशिक्षण में बंदी महिलाओं ने खासी रुचि दिखाई और मोमबत्ती, हर्बल धूप और हेंडीक्राफ्ट उत्पाद बनाने का हुनर सीखा।
शनिवार को बड़ौदा आरसेटी हल्द्वानी नैनीताल के तत्वावधान में उपकारागार हल्द्वानी में आयोजित छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। यह प्रशिक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उपकारागार हल्द्वानी की ओर से उपकारागार हल्द्वानी में निरुद्ध महिला बंदियों को कौशल विकास से जोड़ने हेतु आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में 22 महिलाओं ने प्रतिभाग किया।
छह दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को विभिन्न प्रकार की रंगीन मोमबत्तियां, हर्बल धूप एवं हेंडीक्राफ्ट से सम्बंधित उत्पाद बनाना सिखाया गया। उपस्थित अतिथियों ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। समापन समारोह के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव बीनू गुलयानी ने महिला प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। वहीं, जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार ने भी प्रशिक्षणार्थियों को प्रोत्साहित किया।
अग्रणी जिला प्रबंधक केआर आर्य ने बताया कि महिलायें छोटे स्तर एवं बड़े स्तर पर, दोनों प्रकार से किस तरह कार्य कर सकती हैं. साथ ही बैंक वित्त के माध्यम से भी कार्य कर सकती हैं।
संसथान के निदेशक प्रदीप सिंह यरसो ने बताया कि संसथान की ओर से नियमित दो वर्षाे तक प्रशिक्षणार्थियों को फॉलो उप किया जायेगा एवं हैंड होल्डिंग सपोर्ट प्रदान किया जायेगा। प्रशिक्षण मीनाक्षी पांडेय ने दिया। इस अवसर पर आरसेटी से नरेंद्र सिंह पिलख्वाल एवं ममता कनवाल अधिकारी तथा जेल स्टाफ उपस्थित रहा।