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नैनीताल बैंक के बीओबी में विलय की मांग केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष उठाई

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राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के नेतृत्व में बेंक एसोसिएशन पदाधिकारियों से की मुलाकात
नैनीताल। नैनीताल बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में विलय की मांग की मांग तेज होती जा रही है।
नैनीताल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के नेतृत्व में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर नैनीताल बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) में विलय कराने की मांग की।
राज्यसभा सदस्य बलूनी ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया कि नैनीताल बैंक 1922 में स्थापित एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक है और बैंक ऑफ बड़ौदा की पूर्ण स्वामित्व वाला सहायक बैंक है। बैंक ऑफ बड़ौदा के पास नैनीताल बैंक की 98.57 फीसदी हिस्सेदारी है। कहा कि यदि नैनीताल बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में किया जाता है तो उत्तराखंड के लोगों इसका लाभ मिलेगा। लगभग 100 शाखाओं के माध्यम से नैनीताल बैंक केंद्र व राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचा रहा है।

 

विलय के पश्चात राज्य के लोगों को कम ब्याज दर पर ऋण, अधिक आर्थिक सुरक्षा और केंद्र-राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा और नैनीताल बैंक के कर्मचारियों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस मांग को लोकसभा की याचिका समिति व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए उचित कार्रवाई कराई जाएगी। वहीं बलूनी ने भी प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि नैनीताल बैंक को प्राइवेट हाथों में नहीं जाने देंगे। केंद्रीय मंत्री से मिलने वालों में एसोसिएशन के महासचिव पीयूष पयाल, एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रशेखर कन्याल, निशा कामथ, चंद्रमोहन रावत, प्रवीण रावत, हेम जोशी, हिमांशू दुर्गापाल आदि थे।

 

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