पोस्ट आफिस से गंगाजल मंगाने पर देना होगा 18 प्रतिशत जीएसटी
हल्द्वानी। शुद्धता और अपार आस्था का प्रतीक गंगाजल भी अब सरकार की अतिरिक्त कमाई का जरिया बनेगा। पोस्ट आफिस से गंगाजल लेने पर लोगों को पहले भी दाम चुकाने पड़ते थे लेकिन अब सरकार ने गंगाजल को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में ले लिया है। गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है। ऐसे में पोस्ट आफिस से गंगाजल खरीदना पहले के मुकाबले 18 फीसदी महंगा हो जाएगा।
दरअसल हिन्दू धर्म में गंगाजल का विशेष महत्व है। किसी भी शुभ और धार्मिक काम में अक्सर गंगाजल की आवश्यकता पड़ जाती है। अधिकांश लोग तो हरिद्वार से गंगाजल ले आते हैं लेकिन जो लोग हरिद्वार नहीं जा पाते उनके लिए डाक विभाग पोस्ट आफिस के जरिए गंगाजल उपलब्ध कराने का काम करता है। इससे लोगों को काफी आसानी हो जाती है।
लेकिन अब गंगाजल पर सरकार ने 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। डाक मंडल नैनीताल के प्रवर अधीक्षक कंचन सिंह चैहान के मुताबिक देहरादून परिमंडल से गंगोत्री के गंाजल पर 18 फीसदी टैक्स लगाने के निर्देश मिले हैं। टैक्स लगने के बाद 250 एमएल की बोतल 30 रुपये के बजाय 35 रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी। बताया कि केंद्र सरकार की गंगाजल आपके द्वार योजना 2016 में शुरू हुई थी। इसका मकसद लोगों को आसानी से गंगाजल उपलब्ध कराना और डाकघरों की आय बढ़ाना है।
गंगा जल के फायदे
गंगा नदी का जल भारतीय सभ्यता और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके कई फायदे हैंः
पीने के लिए सुरक्षित: गंगा जल को मान्यता है कि यह शुद्ध और पवित्र होता है, और इसे पीने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है।
धार्मिक तत्त्व: गंगा नदी का जल हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है और लोग इसे पूजा और स्नान के उद्देश्य से उपयोग करते हैं।
कृषि: गंगा के तट पर कृषि के लिए उपयुक्त मृदा और पानी होता है, जिससे खेतों में खेती का विकास होता है।
पर्यावरण का संरक्षण: गंगा नदी जल को निष्कर्षित करने और पौधों, पशुओं और मानव जीवन के लिए सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पर्यटन: गंगा नदी के किनारे कई प्राकृतिक सौंदर्य स्थल हैं जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं। यहाँ पर्यटक स्नान, भ्रमण, और आध्यात्मिक गतिविधियों का आनंद लेते हैं।
जीवों के लिए आवास: गंगा नदी के तट पर अनेक प्रजातियों के प्राकृतिक आवास हैं, जैसे कि मीन, पक्षियाँ, और वन्यजीव।
पानी के लिए स्रोत: गंगा नदी का जल जलवायु, जलवायु तंत्रिका, और नाना स्रोतों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत होता है और इसका महत्व पूरे भारतीय प्रदेश में होता है।
सांस्कृतिक महत्व: गंगा नदी का महत्व भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धारा में भी है, और यह कई प्रमुख नगरों के लिए अहम स्थल है, जैसे कि वाराणसी, पटना, और हरिद्वार।