धारी।
राजकीय इंटर कॉलेज गुनियालेख नैनीताल में पर्यावरण संवर्धन की मुहिम चलाई गई जिसके अंतर्गत *मैक्सिकन डेविल के रूप में एक तरह का प्लांट पॉल्यूशन के उन्मूलन* को लेकर कैंपेन चलाया गया ।
रूरल रिवैंप संस्था से जुड़े हुए वासुदेव सिंह धवन ने बताया गया कि, उत्तराखंड की भूमि पर उगने वाले काला बांसा (काला बासिंग ) एक ऐसा पौधा है जो आसपास की भूमि को बंजर बना रहा है, साथ ही स्थानीय जड़ी बूटियां को भी उगने नहीं देता।
जिस जगह पर काला बांसा उगता है, वहां पर घास भी नहीं उग पाती है। हरियाली की चाहत में अक्सर जानवर इस एनवायरमेंट डेविल प्लांट को खा लेते हैं और अक्सर बीमार हो जाते हैं।
पर्यावरण प्रेमी गौरी शंकर काण्डपाल ने कहा कि, इस पर्यावरण प्रदूषण वाली झाड़ को उखाड़ फेंकने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज गुनियालेख के बच्चों ने वृहद अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत लगभग 200 किलो के आसपास काला बांसा को जड़ से उखाड़ दिया गया ।
इस उखड़ी हुई *झाड़ीनुमा पौधे को कंपोस्ट खाद* के रूप में सडा कर उपयोग में लाया जाएगा।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीपांकर, पंकज कुमार, भास्कर बृजवासी, दिनेश कुमार, प्रशांत कुमार, दीपक पौडियाल, मोहित कुमार, सहित विद्यालय के कक्षा 11 एवं 12 कला वर्ग के बच्चे उपस्थित रहे।