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अब उत्तराखंड में होगी तिमूर की व्यावसायिक खेती, किसान होंगे मालामाल

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तिमूर का पौधा हर रूप में फायदेमंद, एक हजार रुपये प्रति किलो तक बिकी है इसकी छाल
हल्द्वानी। उत्तराखंड सरकार ने तिमूर की व्यवसायिक खेती की ओर कदम बढ़ा लिए हैं। इससे किसानों की आमदनी बढ़ना तय है। पिथौरागढ़ जनपद से इसकी शुरुआत होने वाली है। पिथौरागढ़ में पाँच सौ हेक्टेयर से तिमूर की खेती की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में दो हजार हेक्टेयर भूमि पर तिमूर की खेती की जाएगी। मुतिमूर का पेड़ख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रदेश में तिमूर मिशन की घोषणा की थी। तिमूर का पौधा हर रूप में फायदेमंद होता है। बीज की कीमत सात सौ रुपये प्रति किलो जबकि तिमूर की छाल एक हजार रुपये किलो तक में बिकती है।
हम दैनिक जीवन में तिमूर के पौधे का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल अवश्य करते हैं। चाहे चटनी, मसाले व परफ्यूम बनाना हो या पायरिया की बीमारी से निजात पाना। इन सब में तिमूर के पौधे का किसी न किसी रूप मेें इस्तेमाल अवश्य होता है। खास बात यह भी है कि तिमूर का पौधा बंजर भूमि में आसानी से उग जाता है और इसे जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुँचाते हैं। मसाले, परफ्यूम आदि बनाने वाली फैक्ट्रियों में तिमूर की काफी मांग रहती है।

सगंध पौध केंद्र सेलाकुई के निदेशक नृपेंद्र सिंह चैहान के मुताबिक तिमूर की खेती प्रदेश के किसानों की आर्थिकी बदल सकती है। पहले चरण में तिमूर मिशन को पिथौरागढ़ जिले से शुरू किया गया है। इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। किसानों को तिमूर के पौध उपलब्ध कराने के लिए इस साल चार लाख पौधों की नर्सरी तैयार की जा रही है। सात सौ रुपये किलो तक बिकता है बीज तिमूर का बीज 700 रुपये किलो तक बिकता है, जबकि तिमूर की छाल एक हजार रुपये प्रति किलो तक है। अभी तक प्रदेश में प्राकृतिक रूप से तिमूर होता है। पिथौरागढ़ जिले में तिमूर बड़े स्तर पर पाया जाता है, जिससे पिथौरागढ़ से तिमूर मिशन की शुरुआत की जा रही है।
बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रदेश में तिमूर मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत प्रदेश में 10 साल के भीतर दो हजार हेक्टेयर भूमि पर तिमूर की व्यावसायिक खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। औषधीय गुणों से भरपूर तिमूर की बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए पहली बार राज्य में तिमूर मिशन का प्लान तैयार किया गया है। सगंध पौध केंद्र सेलाकुई में तिमूर के चार लाख पौध की नर्सरी तैयार की जा रही है।

 

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