हल्द्वानी। पहाड़ में कोई बीमार पड़ जाए तो सबसे अधिक परेशानी बीमार को अस्पताल तक पहुंचाने की होती है। परिजन और पड़ोसी कुर्सी, चारपाई और डोली का सहारा लेकर जैसे तैसे कई कश्ट झेलकर मुख्य सड़क तक मरीज को लाने पर मजबूर होते हैं। क्योंकि जिले के कई गांव सरकार के तमाम दावों के बाद भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं। बीते दिन इसी तरह की परेशानी से बेतालघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत हरतप्पा के तोक फलनाचक के ग्रामीणों को भी गुजरना पड़ा।
कुछ दिन पहले गांव के पूर्व ग्राम प्रधान रामदत्त पांडे बीमार पड़ गए। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए ग्रामीण उन्हें कुर्सी पर बैठाकर एक किमी दूर रातीघाट तक लाए, जिसके बाद उन्हें वाहन से हल्द्वानी ले जाया गया। हल्द्वानी में इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार है। बता दें कि सड़क नहीं बनने से गांव के 80 से अधिक परिवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जसियाघुना के पूर्व सैनिक भवानी दास, कैप्टन हरिदत्त पांडे और मनोहर दत्त पांडे ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण की मांग की है।
लंबे समय से की जा रही है सड़क निर्माण की मांग
भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ महानगर संयोजक महेश पांडे ने बताया कि आजादी के बाद से ग्रामीण रातीघाट से एक किमी दूर फलनाचक तक सड़क निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। सड़क नहीं होने से गांव से पलायन हो रहा है। साथ ही सब्जी उत्पादन से जुड़े किसान अपनी फसलों को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में स्पेशल कंपोनेंट प्लान में पांच करोड़ रुपये राष्ट्रीय राजमार्ग, तीन किमी हल्का मोटर मार्ग के लिए ग्रामसभा जसियाघुना से फलनाचक तोक तक स्वीकृति हुए थे, लेकिन विभाग की ओर से कार्यवाही नहीं होने से सड़क नहीं बन पाई। वर्ष 2023-24 में सांसद अजय भट्ट ने सांसद निधि से चार लाख की धनराशि दी थी, जिससे 150 मीटर सड़क बनी थी।
साथ ही पूर्व विधायक संजीव आर्य की ओर से 1.50 लाख की धनराशि दी गई थी। पांडे ने कहा कि उन्होंने विधायक सरिता आर्या से मुलाकात कर पैतृक गांव में हरतप्पा के तोक फलनाचक के लिए रातीघाट से एक किमी सीसी रोड बनाने की मांग दोहराई है।
इधर, नैनीताल विधायक सरिता आर्य के अनुसार, कोट हरतप्पा के तोक फलनाचक में सीसी मार्ग के लिए तीन लाख की धनराशि विधायक निधि से दी जा रही है। साथ ही तीन लाख सांसद निधि से दिए जा रहे है। मार्ग का निर्माण कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को कहा जाएगा।