ग्रामीण स्वरोजगार विकास संस्थान को दिया गया है प्रशिक्षण का जिम्मा
हल्द्वानी। ग्रामीणों को अब बैंक से जुड़े कामों को निपटाने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ग्राम पंचायतों में तैनात बैंक सखी (बिजनेस करेसपांडेन्ट सखी/डिजिपे सखी) उनके बैंक से जुड़े कामों को निपटाने में मददगार बनेंगी। बैंक सखी के लिए नैनीताल जिले की 25 महिलाओं का चयन कर लिया गया है। जल्द ही इन्हें बड़़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान, शीशमहल, काठगोदाम की ओर से संस्थान परिसर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित इन महिलाओं की बैंकों की ओर से नियुक्ति की जाएगी। उन्हें बैंकों की ओर से निर्धारित मानदेय भी दिया जाएगा।
दरअसल भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देशन में ग्रामीणों को बेहतर बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के उददेश्य से हर ग्राम पंचायत में एक-एक बैंक सखी/डिजिपे सखी की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए महिला समूहों से जुड़़ी महिलाओं का चयन किया गया है। इन महिलाओं को बैंक के कामकाज संबंधी जानकारी का प्रशिक्षण देना का जिम्मा ग्रामीण स्वरोजगार विकास संस्थान (आरसेटी) को दिया गया है। प्रशिक्षण के बाद इन महिलाओं को आईआईबीएफ परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा पास करने वाली महिलाओं को बायोमैट्रिक डिवाइस के साथ प्रमाण पत्र प्रदान कर ग्राम पंचायतवार तैनात किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में तैनात ये बैंक सखी ही अब स्वयं सहायता समूह/ग्राम संगठन व संकूल संगठन समेत ग्रामीणों के बैंक से जुड़े काम करने में मददगार बनेंगी।
उतराखंड में मिशन मोड के तहत 1715 महिलाओं को बैंक सखी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
25 अक्टूबर से शुरू होगा छह दिवसीय प्रशिक्षण: यर्सो
हल्द्वानी। बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक प्रदीप कुमार यर्सो ने बताया कि बीसी सखी /डिजिपे सखी का प्रशिक्षण 25 महिलाओं को 25 अक्टूबर से दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण छह दिवसीय होगा और संस्थान परिसर में ही दिया जाएगा। इसमें महिलाओं को बैंकिंग सम्बंधी जानकारी दी जाएगी। इसके लिए नैनीताल जनपद से महिलाओं का चयन कर लिया गया है। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को जिले के विभिन्न बैंकों में नियुक्ति दी जाएगी जिससे वे दूरदराज के ग्रामीणों को बैंकिंग संबंधी जानकारी दे सकें और उनकी मददगार बन सकें।