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उपनल कर्मी: हल्द्वानी में 20 साल की नौकरी के बाद लैब तकनीशियनों के सामने पिथौरागढ़ या हरिद्वार का विकल्प

उत्तराखण्ड ताजा खबर देहरादून नैनीताल
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हल्द्वानी। 105 पदों पर नियमित लैब तकनीशियनों की नियुक्ति के बाद मेडिकल कॉलेज की लैबों में वर्षों से कार्यरत उपनल कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। हालांकि चिकित्सा विभाग की ओर से मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्स और उपनल कर्मचारियों को पिथौरागढ़ और हरिद्वार जाने का विकल्प दिया गया है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में सभी स्थायी लैब तकनीशियनों ने ज्वाइन कर लिया है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज और संबद्ध चिकित्सालयों में तकनीशियन संवर्ग के अंतर्गत नियमित लैब तकनीशियनों ने ज्वाइनिंग शुरू कर दी है। इसी क्रम में शासन से मिले निर्देशों के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से उपनल के माध्यम से कार्यरत लैब कर्मचारियों से राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ और राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के लिए विकल्प मांगा गया है। कहा गया है कि 29 नवंबर तक पहले या दूसरे विकल्प के साथ हस्ताक्षरित लिखित पत्र के माध्यम से प्राचार्य, कार्यालय में सहमति पत्र दें। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 30 नवंबर तक ही उनकी सेवाएं मान्य होंगी।
बता दें कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में उपनल के 23 अस्थायी लैब कर्मचारी तैनात हैं। सभी कर्मचारी की सेवा को 17 से 20 वर्ष हो चुके हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 20 साल की नौकरी के बाद भी उन्हें किसी दूसरे जिले में अस्थायी तौर पर अल्प वेतन पर ही भेजा जा रहा है। महंगाई के दौरान में बाहर जाकर उनके सामने परिवार का गुजारा करने की समस्या है।
नए स्थायी तकनीशियन आ चुके हैं और उनका पहला अधिकार है। हालांकि आउटसोर्स या उपनल कर्मियों को निकाला नहीं जा रहा है बल्कि उन्हें विकल्प दिया जा रहा है। वे जल्द से जल्द विकल्प का चयन कर ज्वाइन कर लें।
डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग
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