नैनीताल। कुमाऊँ विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में आज विश्वविद्यालय का 53वां स्थापना दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ठाकुर देव सिंह बिष्ट की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण से हुई। संगीत विभाग के डॉ. रवि जोशी एवं उनकी टीम द्वारा कुलगीत प्रस्तुत किया गया, जिसके उपरांत सभी उपस्थितजनों ने वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे निदेशक एवं विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. ललित तिवारी ने इस अवसर पर बताया कि 1 दिसंबर 1973 को कुमाऊँ विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। उन्होंने विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष डॉ. महेंद्र पाल के योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो. संजय पंत तथा चीफ प्रॉक्टर प्रो. हरीश बिष्ट को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के 53वें स्थापना दिवस पर निदेशक, डीएसडब्ल्यू, प्रॉक्टर, डीन प्रो. जीता राम तथा छात्र महासंघ अध्यक्ष आशीष कबडवाल ने केक काटकर सभी को शुभकामनाएँ दीं।
इस अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को मिष्ठान स्वरूप लड्डू वितरित किए गए। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि 52 वर्षों की इस गौरवशाली यात्रा में कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने देश को अनेक प्रतिभाएँ दीं और मानव संसाधन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परिसर ‘भारत माता की जय’ एवं ‘कुमाऊँ विश्वविद्यालय की जय’ के नारों से गुंजायमान रहा।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के ध्वजवाहकों को सलाम किया गया।इस अवसर पर डॉ. आर.सी. जोशी, प्रो. आशीष तिवारी, प्रो. नंद गोपाल साहू, डॉ. चंद्रकला रावत, डॉ. शुभा मटियानी, प्रो. अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. हेम जोशी, डॉ. श्रुति, डॉ. नीता, डॉ. भूमिका, डॉ. दीपक मेलकानी, आनंद रावत, विपिन, नंदा बल्लभ पालीवाल, डी.एस. बिष्ट, कुंदन, अजय सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
