भेजा गया मांग पत्र

शिक्षा मंत्री के पड़ोसी डायट प्रवक्ता को खूब टहला रहा शिक्षा विभाग, जूनियर बन चुके प्रधानाचार्य

उत्तराखण्ड ऊधमसिंह नगर ताजा खबर

हल्द्वानी (विनोद पनेरू)। तेज तर्रार शिक्षा मंत्री के रूप में पहचान बना चुके अरविंद पांडेय के कार्यकाल में भी शिक्षा विभाग अफसरों की कार्यशैली में सुधार होता नहीं दिख रहा है। कहीं शिक्षक रिटायर होने के बाद पेंशन, भत्ते पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं तो कहीं शिक्षक पदोन्नति व वेतनमान को लेकर धक्के खा रहे हैं। हालिया मामला शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की विधानसभा से सटी रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के रुद्रपुर डायट में तैनात गणित प्रवक्ता से जुड़ा है। प्रवक्ता का दावा है कि उनसे कनिष्ठों को पदोन्नति देकर प्रधानाचार्य बना दिया गया है मगर हर लिहाज से वरिष्ठ होने के बाद भी उनकी अनदेखी की जा रही है और करीब 15 सालों से प्रवक्ता पद पर ही तैनात हैं। वे छह साल में करीब 16 बार विभाग को प्रत्यावेतन दे चुके हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे उन्हें उचित सम्मान से वंचित होने के साथ ही आर्थिक रूप से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार बदलने के बाद भी विभाग की कार्यशैली में सुधार न होने से तमाम सवाल उठ रहे हैं।

प्रवक्ताओं की सूची
प्रवक्ताओं की सूची

वर्तमान में शिक्षा विभाग के रुद्रपुर डायट में तैनात काशीपुर निवासी प्रेम चंद्र चौहान शिक्षा विभाग में गणित शिक्षक के रूप में सी.टी. संवर्ग में नौ फरवरी 1987 को तैनात हुए। वर्ष 2002 में गणित प्रवक्ता के रूप में पदोन्नति मिली। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि वे सी.टी. ग्रेड और एल.टी. ग्रेड में सबसे वरिष्ठ हैं। मगर विभाग ने प्रवक्ता वेतनक्रम में उन्हें सबसे कनिष्ठ बना दिया है। जबकि उनसे कनिष्ठ कई प्रवक्ता प्रधानाचार्य बन चुके हैं और वे पात्र होने और वरिष्ठ होने के बाद भी न्याय के लिए सालों से संघर्ष कर रहे हैं। बताया कि उनसे कनिष्ठ प्रवक्ताओं से भी इस सम्बंध में आपत्तियां मांगी जा चुकी हैं और किसी ने कोई एतराज नहीं किया मगर विभाग फिर भी उनके वेतनक्रम को ठीक नहीं कर रहा। इसके चलते कनिष्ठ प्रवक्ता वरिष्ठ पदों पर सुशोभित हो चुके हैं और वे अपनी अनदेखी से खासे आहत हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय से भी न्याय की गुहार लगाई हैं।
वहीं ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर शिक्षा विभाग जायज मांग होने के बाद भी प्रवक्ता को क्यूं टहला रहा है।

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