धारी (नैनीताल)। धारी विकासखंड के दीनी तल्ली क्षेत्र में बाघ के हमले में 35 वर्षीय महिला हेमा बर्गली की मौत से पूरे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है। इस घटना को भीमताल विधानसभा से वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोज शर्मा ने क्षेत्रीय विधायक, सांसद और वन विभाग की घोर लापरवाही करार दिया है।
मनोज शर्मा ने कहा कि वे पिछले छह महीनों से लगातार धारी ब्लॉक में बाघ की सक्रियता को लेकर चेतावनी देते आ रहे हैं। उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन न तो भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने और न ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जनता की सुरक्षा छोड़कर केवल शादी-विवाह और भोज कार्यक्रमों तक सीमित हैं।
मनोज शर्मा ने बताया कि स्वयं उन पर भी शादी समारोह से लौटते समय दो बार बाघ ने हमला करने का प्रयास किया, लेकिन गाड़ी में होने के कारण उनकी जान बच सकी। उन्होंने कहा कि बाघ इतना विशाल और भयावह था कि पूरी गाड़ी को नुकसान पहुँचा सकता था। इसकी जानकारी भी वन विभाग को दी गई, फिर भी कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि पूरे धारी ब्लॉक में बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। जंगल से सटे आबादी वाले क्षेत्रों में पैदल रास्ते घनी झाड़ियों से पटे पड़े हैं। बार-बार झाड़ी कटान, सोलर लाइट लगाने और सुरक्षा उपायों की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सोलर लाइटें जरूरतमंद क्षेत्रों में लगाने के बजाय विधायक ने अपने चहेतों के यहां लगवाईं, जिसकी जांच होनी चाहिए।
मनोज शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष भी भीमताल विधानसभा क्षेत्र में बाघ कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। सरकार और अधिकारी उस समय कैमरे लगाने जैसी बड़ी-बड़ी बातें करते रहे, लेकिन आज वे कैमरे कहां हैं, इसका कोई जवाब नहीं है। पशुओं (कुत्ते, बकरियां आदि) को भी बाघ लगातार मार रहा है, जिसका कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा गया। इससे ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक दबाव भी झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि विभिन्न प्रकार के शिविरों के नाम पर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का प्रचार कराया जा रहा है, जिससे अधिकारी भी उलझे हुए हैं और वास्तविक कार्ययोजना बनाने का समय उन्हें नहीं मिल पा रहा। सरकार 24 घंटे चुनावी सोच में डूबी है और जनता की सुरक्षा की उसे कोई चिंता नहीं है।
मनोज शर्मा ने मांग की कि बाघ हमले में मारी गई महिला के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए और परिवार के हर इच्छुक सदस्य को सरकारी रोजगार उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, जिम्मेदार अधिकारियों के साथ क्षेत्र के सांसद और विधायक की भी जवाबदेही तय की जाए।
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि बाघ का आतंक इसी तरह जारी रहा तो पहाड़ों में आखिर कौन रहेगा। उन्होंने क्षेत्र की युवा शक्ति और आम जनता से अपील की कि वे अपने परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठाने के लिए तैयार रहें, क्योंकि सरकार और झूठे वादों पर भरोसा करना खुद के साथ धोखा है।
मनोज शर्मा ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही जनता की रक्षा-सुरक्षा को लेकर ठोस कार्ययोजना सार्वजनिक नहीं की गई और भविष्य में कोई अन्य जनहानि होती है, तो वे इस सोई हुई सरकार को जगाने के लिए डीएफओ कार्यालय, नैनीताल में आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।

