हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है। यही कारण है कि विवि की ओर से संचालित पाठयक्रमों में 60 से अधिक देशों के विद्यार्थी पंजीकृत हैं। विवि ने एक बार फिर ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका को सिद्ध करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के स्वयं प्लेटफार्म पर उत्तराखंड राज्य के विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक एमओओसी (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स) संचालित किया है।
मंगलवार को प्रेस वार्ता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि जुलाई 2025 सत्र में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित 12 एमओओसी में कुल 42,454 शिक्षार्थियों ने नामांकन किया, जो किसी भी एक सत्र में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। अब तक विश्वविद्यालय के एमओओसी में 2,06,536 शिक्षार्थी नामांकित हो चुके हैं, जिनमें 60 से अधिक देशों के विद्यार्थी सम्मिलित हैं। ये पाठ्यक्रम साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक, वेब प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, शिक्षा और जीवन कौशल जैसे समसामयिक एवं रोजगारोन्मुख विषयों पर आधारित है, जिनका उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल हमारे शिक्षकों, विषय विशेषज्ञों और तकनीकी टीम की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हमारे शिक्षार्थियों के विश्वास और समर्पण का भी प्रतीक है।
हमारा लक्ष्य है कि डिजिटल शिक्षा को सीमाओं से परे ले जाकर हर विद्यार्थी तक पहुंचाया जाए। विश्वविद्यालय निरंतर राष्ट्रीय शिक्षा नीति, राष्ट्रीय क्रेडिट रूपरेखा और राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा के उद्देश्यों के अनुरूप आजीवन अधिगम तथा कौशल-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहा है। हाल ही में विश्वविद्यालय ने सामग्री के स्थानीयकरण की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए गए है। स्वयं बोर्ड ने विश्वविद्यालय के एक कोर्स को आठ भारतीय भाषाओं में अनुवाद के लिए चयनित किया है जो भाषाई समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। प्रो. लोहनी ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने डिजिटल अवसंरचना के उन्नयन पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है।
एशियाई विकास बैंक परियोजना के अंतर्गत शैक्षिक मल्टीमीडिया उत्पादन केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, स्थानीय स्तर पर ई-कंटेंट निर्माण सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था तथा तकनीकी मानव संसाधन के सशक्तिकरण की दिशा में सतत कार्य किया जा रहा है। वार्ता के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा संस्था के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार जोशी, विश्वविद्यालय के मान्यता बोर्ड के सदस्य प्रो. एचसी पोखरियाल, विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. गिरिजा पाण्डेय, निदेशक अकादमिक प्रो. पीडी पंत, कंप्यूटर साइंस के निदेशक प्रो. जितेंद्र पाण्डेय, पत्रकारिता एवं मीडिया के निदेशक प्रो. राकेश चंद्र रयाल आदि मौजूद रहे।
