voter id अगर 18 की उम्र हो रही पार, 29 अक्टूबर से वोटर बनने को हो जाओ तैयार

अगर 18 की उम्र हो रही पार, 29 अक्टूबर से वोटर बनने को हो जाओ तैयार

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20 अगस्त से घर-घर जाकर मतदाता सूची का होगा पुनरीक्षण, 29 अक्टूबर से दर्ज होगा मतदाता सूची में नाम
नैनीताल। केंद्रीय निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड के निर्देशानुसार 01 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर फोटायुक्त विधान सभा निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण हेतु कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

अपर जिलाधिकारी/ उप जिला निर्वाचन अधिकारी पीआर चौहान ने बताया कि पुनरीक्षण पूर्व गतिविधियों के अन्तर्गत 20 अगस्त से निर्वाचक नामावली का घर-घर सत्यापन, मतदेय स्थलों, अनुभागों (ग्राम गली-मोहल्लों, वार्ड आदि) का पुनर्निधारण / पुनर्सीमांकन / पुनव्र्यवस्थापन तथा वर्तमान निर्वाचक नामावली में विभिन्न प्रकार की लॉजिकल त्रुटियों को ठीक करना आदि कार्य किया जा रहा है, ताकि आलेख्य निर्वाचक नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित तैयार किया जा सके। बताया कि ऐसे नागरिक जो एक जनवरी, 2025 को 18 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूर्ण कर रहे हों, तो ऐसे भारतीय अर्ह नागरिक के नाम फोटोयुक्त विधान सभा निर्वाचक नामावली में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए 29 अक्टूबर से 28 नवम्बर, 2024 तक अपने मतदेय स्थल के बीएलओ संबंधित तहसील / उप जिलाधिकारी कार्यालय अथवा जिला निर्वाचन कार्यालय से नियमानुसार प्रारूप-6 पर नवीनतम पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो चस्पा करने के साथ-साथ अपने निवास स्थान एवं आयु से संबंधित दस्तावेज की प्रति भी संलग्न करनी अनिवार्य होगी।

 

दावे एवं आपत्तियों के निस्तारण की तिथि 24 दिसम्बर तक जबकि निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 6 जनवरी 2025 को होगा। साथ ही किसी नाम को निर्वाचक नामावली से पृथक करने हेतु प्रारूप-7 से (मृत / शिफ्ट मतदाताओं को) हटाया तथा प्रारूप-8 से मतदाता सूची में दर्ज नाम को निर्वाचन क्षेत्र के भीतर तथा निर्वाचन क्षेत्र के बाहर शिफ्ट करवाया जा सकता है। प्रारूप-6क से प्रवासी भारतीय अपना नाम पासपोर्ट में अंकित पते पर मतदाता सूची में दर्ज व प्रारूप-6ख से मतदाता अपने आधार को मतदाता सूची से लिंक करवा सकते हैं। किसी निर्वाचक को अपने निवास स्थान से मतदेय स्थल तक पहुंचने में दो किमी से अधिक पैदल दूरी तय करनी पड़ती है तो ऐसे निर्वाचकों के लिए उसी क्षेत्र में उपलब्ध किसी उपयुक्त शासकीय भवन में नया मतदेय स्थल स्थापित करने में विचार किया जा सकता है। इसी प्रकार वर्तमान में किसी मतदेय स्थल पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1500 से अधिक हो गई है तो मतदेय स्थल को विभाजित कर उसी क्षेत्र में उपलब्ध किसी उपयुक्त शासकीय भवन में नया मतदेय स्थल स्थापित किया जा सकता है। वर्तमान मतदेय स्थल क्षतिग्रस्त होने एवं जीर्ण-शीर्ण होने की दशा में उसी क्षेत्र में उपयुक्त शासकीय भवन में मतदेय स्थल परिवर्तित किया जा सकता है।

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