भीमताल।भीमताल विधानसभा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोज शर्मा ने धारी ब्लॉक के लेटीबूंगा में आयोजित मुख्यमंत्री की जनसभा को “फ्लॉप शो” करार दिया। उन्होंने प्रेस बयान जारी कर आरोप लगाया कि भीड़ बढ़ाने के लिए स्कूल के बच्चों और विभिन्न क्षेत्रों से वाहनों में लोगों को लाया गया। उन्होंने इसे सरकार की “विफलता का बड़ा प्रमाण” बताया।
मनोज शर्मा ने कहा कि यदि भाजपा सरकार ने 10 साल में युवाओं, बेरोजगारों, मातृशक्ति या आम जनता के लिए कोई ठोस काम किया होता, तो मुख्यमंत्री की सभा में भीड़ स्वाभाविक रूप से उमड़ती, न कि मशीनरी का सहारा लिया जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पूरे भाषण में “जिहाद” शब्द के अलावा कोई विकास संबंधी बात नहीं थी, जबकि 10 साल के शासन का लेखा-जोखा जनता को दिया जाना चाहिए था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भीमताल विधानसभा क्षेत्र सनातन संस्कृति की धरोहर है, जहां गोल्ज्यू धाम, आदि कैलाश धाम, बाबा लोहाखाम, देवगुरु बृहस्पति महाराज मंदिर, सोमबारी महाराज की तपोभूमि और बाबा कैंची धाम जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से इन सभी धामों को एक सर्किट में जोड़कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग करती रही है, परंतु सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने रिजॉर्ट निर्माण का उल्लेख तो किया, लेकिन यह नहीं बताया कि इनमें से कितने सरकारी सहयोग से बने हैं। उन्होंने कहा कि “90% रिजॉर्ट लोगों के स्वयं के प्रयास से बने हैं, न कि सरकारी मदद से।”
रानीबाग–मोतियापाथर सड़क की लगातार बदहाली को लेकर भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि वर्षो से पैचवर्क व डामरीकरण के नाम पर भ्रष्टाचार ही होता आया है।
बेरोजगारी दर कम होने के मुख्यमंत्री के दावे पर मनोज शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सुनकर हंसी आती है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा का उल्लेख करते हुए कहा कि सुशीला तिवारी अस्पताल में हालात इतने खराब हैं कि मरीजों के तीमारदारों को खुद स्ट्रेचर तक ले जाना पड़ता है।
पेपर लीक, धर्मांतरण, लव जिहाद, गौवंश संरक्षण और शून्य सहनशीलता जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री के बयानों को उन्होंने “भावनाओं से खेलने वाला राजनीतिक भाषण” बताया।
उन्होंने कहा कि यदि “अर्बन नक्सल गैंग” जैसा कुछ है तो सरकार 10 साल में कार्रवाई क्यों नहीं कर सकी?
मनोज शर्मा ने कहा कि धारी ब्लॉक की जनता को मुख्यमंत्री की सभा से कोई ठोस लाभ नहीं मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि हिमालय के महान संत सोमबारी महाराज की तपोभूमि धारी में आकर भी उन्होंने उन्हें प्रणाम तक नहीं किया, जो “झूठे सनातन प्रेम का प्रमाण” है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और युगपुरुष पं. नारायण दत्त तिवारी का नाम तक मुख्यमंत्री ने नहीं लिया।
मनोज शर्मा ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन, सड़क निर्माण, अवैध शराब और अन्य विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री की चुप्पी “साफ संदेश देती है कि सरकार असफलताओं को छिपाने में लगी है।”
अंत में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पूरा भाषण “झूठ का पुलिंदा” था, जिसने युवाओं, बेरोजगारों और समाज के हर वर्ग की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया।

