वनों द्वारा कार्बन अवशोषण प्रशिक्षण पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
भीमताल। जन मिलन केंद्र, धानाचूली, धारी, नैनीताल में वसुन्धरा पर्यावरण संरक्षण एवं जन कल्याण समिति, अल्मोड़ा के तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक व ए.डी.जी. डा. विजय राज रावत ने कहा कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दौर में उत्तराखण्ड के पंचायती वन कार्बन डाई-आक्साईड का अवशोषण करके वायुमंडलीय तापमान वृद्धि को कम करके स्थानीय स्तर पर अहम योगदान कर रहे हैं। साथ ही माइक्रोप्लान बनाते समय कार्बन क्रेडिट परिकल्पना को भी ध्यान में रखकर प्लान बनाए जाने की जरूरत है। डा. विजय राज रावत ने आरोही संस्था द्वारा वन पंचायत में कार्बन क्रेडिट परिकल्पना आधारित वी.एन.वी परियोजना की सराहना की।
साथ ही कार्बन की खेती से आयवर्धन को बढ़ावा देने में जोर डाला। वहीं कार्यक्रम के मुख्य अन्वेषक एवं उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौधौगिकी परिषद् देहरादून के मानसखण्ड विज्ञान केन्द्र, अल्मोड़ा में इमेरिट्स वैज्ञानिक डा. गिरीश नेगी ने बताया कि उत्तराखण्ड की लगभग 4500 वर्ग किमी में फैली 11217 वन पंचायतें स्थानीय निवासियों द्वारा पीढ़ियों से अस्तित्व में हैं। एवं इन पंचायती वनों द्वारा वर्तमान शोध परियोजना में विगत एक वर्ष से चल रहे शोध से विदित हुआ कि यहां के बाँज, चीड़ व साल के पंचायती वन वर्ष भर लगभग 40 टन प्रति हेक्टेयर कार्बन डाई-आक्साईड का अवशोषण करते हैं जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत कार्बन क्रेडिट के रूप में लगभग 20 हजार रुपये होगी। इन वनों में संचित कार्बन की मात्रा लगभग 223 टन प्रति हे० है। जिसकी कीमत लगभग पाँच लाख रुपये प्रति हेक्टयेर है।
परियोजना के समन्वयक डा० प्रदीप सिंह मेहता ने बताया कि वनों द्वारा जमा होने वाले कार्बन का आंकलन करने की एक सरल विधि पर कार्य पुस्तिका बनाई है। जिसका उपयोग करके वन पंचायतें अपने वनों में कार्बन क्रेडिट से आय अर्जन का आसानी से अनुमान लगा सकते है। कार्यशाला के दौरान धानाचूली के बाँज वन पंचायत में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यशाला में विभिन्न वन पंचायतों के सरपंच व प्रतिनिधियो ग्राम प्रधानों, आकाशवाणी मुक्तेश्वर के साथ स्थानीय महिलाओं व नागरिकों, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित लगभग 60 लोगो को प्रशिक्षण दिया गया कार्यशाला का संचालन स्थानीय निवासी व आरोही संस्था के डा. नारायण सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि आरोही संस्था भी बंजर जमीन में वृक्षारोपण करके कार्बन क्रेडिट से आय अर्जन की दिशा में कार्यरत है। कार्यशाला में गहना के राजेन्द्र मेहरा, वन पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे एवं इस कार्यशाला को वन पंचायतों के संरक्षण व प्रबंधन हेतु अत्यन्त उपयोगी बताया। धन्यवाद प्रस्ताव ग्राम प्रधान धानाचूली द्वारा ज्ञापित किया गया। उन्होंने सभी आगंतुको एवं मुख्य अतिथि का इस महत्वपूर्ण एवं जागरूक कार्यशाला हेतु आभार व्यक्त किया। अंत में कार्यकम में उपस्थित विभिन्न सरपंचों को सम्मानित किया गया ।

