
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के माता जिया रानी, महिला अध्ययन केंद्र में 6 माह का ऐपण सर्टिफिकेट कोर्स चल रहा है। जिसमें रंगवाली पिछोड़ा बनाना भी शामिल है। इसके अंतर्गत तीन दिवसीय कार्यशाला 13 अक्टूबर 2025 से 15 अक्टूबर 2025 तक किया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस में निफ्ट डिजाइनर शगुन तिवारी और हस्तशिल्प की मास्टर ट्रेनर रुचि नैनवाल ने प्रतिभागियों को उत्तराखंड की संस्कृति और रंगवाली का महत्व बताते हुए परंपरागत ड्राइंग ड्राइंग की तकनीकिया समझाई और बताया कि ब्लॉक से प्रिंटिंग कैसे की जाती है।
दूसरे दिन की शुरुआत कपड़े की पिनिंग कलर बनाने की विधि के साथ हुई। प्रतिभागियों ने विभिन्न ब्लॉक को प्रयोग करना, बॉडर के साथ-साथ बूटियां बनाने का अभ्यास किया l
तीसरे दिन शगुन तिवारी ने विभिन्न विधियां से कपड़े पर ब्लॉक के साथ स्वास्तिक बनाना सिखाया तथा रुचि नैनवाल ने बताया कि किस प्रकार गोटालेस और सजावटी वस्तुएं लगाकर पिछोड़े को डिजाइनर रूप में तैयार किया जा सकता है।
केंद्र की निदेशक प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा ने बताया कि इन गतिविधियों का उद्देश्य प्रतिभागियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है और उन्हें आत्मनिर्भर की दिशा में सशक्त बनाना है। कार्यशाला में आए सभी छात्र-छात्राओं और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने माता जिया रानी, महिला अध्ययन केंद्र के इस कार्यक्रम की भरपूर सराहना की और केंद्र निदेशक को इस तरह के कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों एवं प्रतिभागियों में काफी उत्साह दिखा।
इस कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रोफेसर नीता बोरा शर्मा और डॉक्टर किरन तिवारी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और बताया कि एपन के विद्यार्थी एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के उत्पाद महिला अध्ययन केंद्र से क्रय भी कर सकते हैं।
इस अवसर पर ऐपण(Aipan) के विद्यार्थी हेमा, काजल, प्रीति, दीपा, भावना ,सुनीता ,देवकी और डॉक्टर हृदेश ,डॉक्टर भूमिका, डॉक्टर पंकज ,डॉक्टर मोहित, अविनाश, सत्येंद्र ,खुशबू राकेश ,सचिन ,गरिमा ,सुमन, और शोधार्थी शामिल रहे l
