रामनगर। ऊर्जा निगम के अवर अभियंता ने पूर्व विधायक और उनके समर्थकों पर निगम कर्मियों के साथ मारपीट व स्मार्ट मीटर तोड़ने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर पूर्व विधायक रणजीत रावत और 20 अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि बृहस्पतिवार को रामनगर के शिवलालपुर चुंगी क्षेत्र में पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए मीटर तोड़ दिए थे। इस मामले में ऊर्जा निगम के कर्मचारियों ने विरोध जताते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। इस पर शनिवार को ऊर्जा निगम के अवर अभियंता चंद्र लाल ने पुलिस को तहरीर दी। आरोप लगाया कि पूर्व विधायक और उनके समर्थकों ने ऊर्जा निगम के कर्मचारियों से मारपीट और उसने पांच स्मार्ट मीटरों को छीनकर तोड़ दिए। कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि तहरीर के आधार पर पूर्व विधायक रणजीत रावत और 20 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
स्मार्ट मीटर के नाम पर किया जा रहा घोटाला : रणजीत
रामनगर। पूर्व विधायक रणजीत रावत ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार स्मार्ट मीटर के नाम पर अडानी ग्रुप के साथ 35 खरब रुपये का घोटाला करने की तैयारी कर रही है। जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी। रानीखेत रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में रावत ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए देश भर में उसकी कंपनी के महंगे स्मार्ट मीटर जबरन लगवा रही है। एक स्मार्ट मीटर की कीमत करीब 25,000 रुपये हैं। बीते दिनों हल्द्वानी में एक स्मार्ट मीटर में 47 लाख रुपये जबकि रामनगर में एक उपभोक्ता को 48 लाख रुपये का बिल आया है। उन्होंने स्मार्ट मीटरों को नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इधर, ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता गोविंद सिंह कार्की का कहना है कि रामनगर में 48 लाख रुपये के बिल की रीडर ने गलत रीडिंग कर दी थी जिसे ठीक कर दिया गया। बताया कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह निराधार है

