IMG 20250223 WA0033 12वें आनन्द बल्लभ उप्रेती स्मृति व सम्मान समारोह में 12 विशिष्ट जन  आनंद श्री सम्मान से सम्मानित

12वें आनन्द बल्लभ उप्रेती स्मृति व सम्मान समारोह में 12 विशिष्ट जन  आनंद श्री सम्मान से सम्मानित

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हिमालय की लोक परम्परा को विकृत न करें : पांगती 

हल्द्वानी। पिघलता हिमालय के संस्थापक सम्पादक व कथाकार स्व. आनन्द बल्लभ उप्रेती का 12वां स्मृति व सम्मान समारोह में हिमालय का लोक जीवन पर प्रभाव एवं लला जसुली विषय पर होने वाले सेमिनार केसाथ 12 विशिष्ट जनों को आनन्दश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर स्व. उप्रेती व दानवीरांगना जसुली बूढ़ी शौक्ययाणी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। हिमालय संगीत शोध समिति के कलाकार अंकिता जोशी, मनीषा मेहता, ममता पांडे व साथियों ने स्वागत गीत वंदना प्रस्तुत की। बाल कलाकार गर्वित कांडपाल, तन्मय लोहनी, दक्ष तिवारी व साथियों ने बसंत गीत की सामुहिक प्रस्तुति दी। आयोजन सचिव डा. पंकज उप्रेती, संरक्षक फली सिंह दताल, आचार्य धीरज उप्रेती ने अतिथियों का स्वागत किया।

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IMG 20250223 WA0034 12वें आनन्द बल्लभ उप्रेती स्मृति व सम्मान समारोह में 12 विशिष्ट जन  आनंद श्री सम्मान से सम्मानित

विपिन चन्द्र पांडे व भुवनेश विराट के संचालन में हुए सेमिनार में शोध पत्र वाचन के बाद आधार वक्ता गंगा सिंह पांगती ने कहा हिमालय की लोक परम्परा को विकृत न करें। श्री पांगती ने कथाकार उप्रेती के योगदान के साथ ही जसुली शौक्याणी का उल्लेख करते हुए भारत तिब्बत व्यापार और पड़ाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बागेश्वर मेले और पड़ाव के दस्तावेजों के साथ प्राचीन परम्परा और धरोहरों को बचाने की अपील की।

राम सिंह सोनाल ने लोक व्यवहार में अतिक्रमण से बचने और अपने इतिहास को जानने की अपील की। श्रीमती अंजनी बोनाल ने धारचूला इंटर कालेज के मेधावियों को अपनी ओर से सहयोग की घोषणा करते हुए स्व. उप्रेती को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह जंगपांगी ने सीमांत क्षेत्र और अपनी पुरानी यादों को साझा किया। अध्यक्षता कर रहे उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक डा. सीडी सूखा ने स्मृति समारोह को ऐतिहासिक बताते हुए समाज को जोड़ने वाला बताया।

आनन्दश्री सम्मान इन्हें मिला

प्रधान आयकर आयुक्त नरेन्द्र सिंह जंगपांगी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डा. आनन्द सिंह उनियाल, नाकुरी पट्टी के समाजसेवी गंगा सिंह पांगती, शौका संस्कृति को समर्पित पूजा जंगपांगी बागेश्वर, रं संस्कृति को समर्पित अंजलि बोनाल लखनऊ, पर्वतीय संस्कृति में सक्रिय भूपाल सिंह बिष्ट बरेली, लोक गीत संगीतकार पूरन सिंह दानू बरेली, पत्रकार अमित उप्रेती, सुमित जोशी, संतोष जोशी, पवन कुंवर, दिनेश पांडेय

रं नृत्य गीतों की धूम मची

आयोजन के दौरान पुष्पा दुग्ताल, जीवन सिंह दुग्ताल व साथियों ने रंग नृत्य गीतों से समा बांधा। कार्यक्रम में मुनस्यारी हाउस द्वारा पर्वतीय उत्पादों का स्टाल आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अलावा पिघलता हिमालय प्रकाशन द्वारा पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई थी।

164 शोध पत्र शामिल हुए

सेमिनार के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से 164 शोध पत्र शामिल हुए। प्रोफेसर दीपा गोबाड़ी, डा. सुमन कुमारी, डा. जयश्री भंडारी, डा. गोकुल सिंह सत्याल सहित तमाम विद्वान व शोधार्थी इसमें शामिल थे।

म्हेछांग पुस्तक का विमोचन

न्यौला पंचाचूली के सम्पादन में रंग लुग्बा के महान व्यक्तित्व पर केंद्रित पुस्तक का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। साथ ही जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को लला जसुली के जीवन परिचय की पुस्तक भेंट की गई क्योंकि नये पाठ्यक्रम में उनके कोर्स में भी यह है।

यह थे उपस्थित

जोहार वेलफेयर सोसायटी के डीएस पांगती, भूपेंद्र सिंह पांगती, उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक प्रो. पीसी बाराकोटी, एनसी तिवारी, पत्रकार राजीव लोचन साह, हरीश पंत, रिखाड़ीखाल पौड़ी डिग्री कालेज के प्राचार्य डॉ. मनोज उप्रेती, दुर्गा सिंह बोथियाल, प्रो. अतुल जोशी, फल सिंह बोनाल, प्रयाग जोशी आदि।

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