dhan singh rawat प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक आदर्श संस्कृत ग्राम घोषित, संस्कृत में ही होंगे सभी कामकाज और बोलचाल

प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक आदर्श संस्कृत ग्राम घोषित, संस्कृत में ही होंगे सभी कामकाज और बोलचाल

उत्तराखण्ड एजुकेशन/कोचिंग ताजा खबर देश/विदेश देहरादून नैनीताल
खबर शेयर करें

देहरादून। राज्य सरकार ने प्रदेश में 13 आदर्श संस्कृत ग्राम घोषित कर दिये हैं। प्रत्येक जिले में घोषित इन संस्कृत गांवों में सभी कामकाज और बोलचाल देववाणी संस्कृत में होंगे। इसके लिये संस्कृत प्रशिक्षकों की नियुक्ति भी होगी।

वीडियो देखें: प्रदेश के सभी 13 जिलों में एक-एक आदर्श संस्कृत ग्राम घोषित https://www.youtube.com/watch?v=askC3cOAvI4

Hosting sale

 

घोषित आदर्श संस्कृत ग्रामों में हरिद्वार के बहादराबाद ब्लॉक का नूरपुर पंजनहेडी गांव शामिल है। इसी प्रकार देहरादून के डोईवाला ब्लॉक में भोगपुर, उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में कोटगांव, चमोली के कर्णप्रयाग ब्लॉक का डिम्मर गांव, पौड़ी के खिर्सू ब्लॉक का गोदा गांव, रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि ब्लॉक का बैजी गांव शामिल है।
इसी क्रम में टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक में मुखेम, नैनीताल के कोटाबाग ब्लॉक का पांडे गांव, अल्मोड़ा में ताड़ीखेत ब्लॉक जैंती, चंपावत का खर्ककार्की, पिथौरागढ़ के मूनाकोट ब्लॉक का उर्ग गांव, बागेश्वर का शेरी गांव और ऊधमसिंह नगर के खटीमा ब्लॉक का नगला तराई गांव को आदर्श संस्कृत ग्राम घोषित किया गया है। प्रदेशभर में घोषित इन आदर्श संस्कृत ग्रामों में सभी ग्रामीणों को संस्कृत भाषा का प्रयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा, साथ ही विभिन्न संस्कारों के अवसर पर वेद, पुराणों और उपनिषदों की ऋचाओं का पाठ किया जायेगा साथ ही इन धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों के अवसरों पर महिलाओं के द्वारा संस्कृत भाषा में गीत-गायन भी किया जायेगा।

इन संस्कृत ग्रामों में आपसी समरसता को बढ़ावा देने के लिये अनूसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति के अधिक से अधिक बच्चों को संस्कृत पढ़ने व उनकी प्रतिभागिता बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। राज्य सरकार संस्कृत का अभ्यास कराने के लिये केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के अंशकालिक संस्कृत प्रशिक्षक एवं सहायक प्रशिक्षकों की तैनाती करेगी।

वहीं, संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि देववाणी संस्कृत राज्य की द्वितीय राजभाषा है और इसके संरक्षण व संवर्द्धन के लिये राज्य सरकार ने सभी जनपदों में एक-एक आदर्श संस्कृत ग्राम की घोषणा की है। इन गांवों में संस्कृत भाषा को बढ़ावा दिया जायेगा और नई पीढ़ी को संस्कृत के माध्यम से भारतीय दर्शन और ज्ञान परम्परा से जोड़ा जायेगा।

Follow us on WhatsApp Channel

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *