हल्द्वानी: रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में दो दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है जिस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। मामले की संवेदनशीलता और कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने रविवार को मौके पर जाकर तैयारियां परखीं। पुलिस ने खुफिया तंत्र भी सक्रिय कर दिया है। रेलवे के अनुसार रेलवे ट्रैक बनभूलपुरा में किनारे उसकी जमीन पर हजारों मकान बन गए हैं। कई साल पहले रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की तैयारी कर ली थी लेकिन मामला न्यायालय में चला गया था।
बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण के मामले में सर्वोच्च न्यायालय दो दिसंबर को फैसला सुना सकता है। इसी क्रम में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाने के लिए एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने रविवार को बहुउद्देशीय भवन में बैठक की। इसमें डीएम ललित मोहन रयाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी ऑनलाइन जुड़े। रेलवे के अधिकारियों के साथ ही आरपीएफ व रेलवे की अन्य विंग से भी चर्चा हुईं।
एसएसपी ने कहा कि कानून व्यवस्था को प्रभावित करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य और सरकार के विरुद्ध अवैध हथियार और संसाधन एकत्रित करने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने सघन चेकिंग, सत्यापन अभियान और गश्त पर जोर दिया। उन्होंने कहा, पर्याप्त फोर्स मंगा ली गई है। हेलमेट, डंडे, बॉडी प्रोटेक्टर और अन्य उपकरण पर्याप्त संख्या में फोर्स को उपलब्ध करा दिए हैं। रेलवे ने अपने क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। सुनवाई वाले दिन क्षेत्र में आरपीएफ का कड़ा पहरा रहेगा। बता दें कि रेलवे की ओर से कहा गया कि हल्द्वानी में बनभूलपुरा से लगी रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है जिनमें करीब 4365 अतिक्रमणकारी हैं।
बैठक में एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी सिटी मनोज कुमार कत्याल, नगर निगम के डॉ. आईवी पंत, रेखा कोली, रेलवे से गिरिजेश कुमार, एडीईएन प्रभात कुमार, विशाल जेई काठगोदाम, आरपीएफ से तरुण वर्मा, वन विभाग से डिप्टी रेंजर डीएन पाठक, यूपीसीएल से जेई मोहम्मद आजम ने भी विचार रखे।
दुष्प्रचार करने पर सख्त कार्रवाई होगी’
हल्द्वानी। रेलवे अतिक्रमण को लेकर दो दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद की स्थिति को लेकर रविवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बनभूलपुरा के संभ्रांत लोगों के साथ शांति कमेटी की बैठक की।
एसएसपी ने कहा कि सभी के साथ मिलकर मामले में अफवाह फैलाने से रोका जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला होगा, उसका सभी को सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर भ्रामक व उकसाने वाली पोस्ट न डालने के साथ उन्हें फॉरवर्ड नहीं करने की अपील की।
सर्वोच्च न्यायालय का जो भी फैसला आता है, उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। आदेश के पालन में होने वाली कार्रवाई के दौरान सहयोग करने की अपील की गई है। सोशल मीडिया पर नजर रखने के साथ खुफिया तंत्र भी एक्टिव है।
-डॉ. मंजूनाथ टीसी, एसएसपी नैनीताल
