आरक्षण की तस्वीर

जब प्रधानमंत्री झाडू पकड़ सकते हैं तो पंडित, ठाकुरों के युवा गटर साफ क्यों नहीं कर सकते

आरक्षण पर टकराव ठीक नहीं, ठाकुर, पंडित भी पकड़े झाडू चंदशेखर जोशी हल्द्वानी। यदि आरक्षण की खिलाफत हो तो सबसे पहले वाल्मीकि और दलित जातियों का सदियों से सफाई में जन्मजात आरक्षण खत्म किया जाए। सफाई कार्य में सवर्णों की भर्ती हो। जब देश के प्रधानमंत्री झाडू पकड़ सकते हैं तो पंडित, ठाकुरों के युवा […]

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बेटी की इंजीनियर पापा को सरप्राइज पार्टी

कुछ अच्छी परिपाटियां जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत शेखर बेंजवाल हल्द्वानी। हमारे समाज में रिटायरमेंट का मतलब होता है बुढापे के आगमन की सरकारी घोषणा हो जाना। रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर बच्चे तो यह मान बैठते हैं कि अब मां-बाप उन पर बोझ बनने वाले हैं। लेकिन इस सामान्य अवधारणा के विपरीत कुमाऊं मंडल […]

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हिरन के बच्चे को दूध पिलाती महिला

हिरणों को अपना दूध पिलाती हैं ये मांएं

हिसार। अगर सलमान खान काला हिरण कांड पांच साल के लिए जेल भेजे गए हैं तो इसमें बहुत बड़ा योगदान बिश्नोई समाज का है। राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैला बिश्नोई समाज अपने आराध्य गुरु जम्भेश्वर जी के बताए 29 नियमों का पालन करते हैं। इनमें से एक नियम […]

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नौकायन करते सैलानी

पहाड़ की सभ्यता और संस्कृति पर पर्यटन कलंक से कम नहीं

खूबसूरती पर लग रहे गहरे दाग चंद्रशेखर जोशी हल्द्वानी। गर्मी का मौसम आते ही पहाड़ों तबाही शुरू हो जाती है। इस तबाही का बड़ा स्वागत होता है जनाब। सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला पलक-पांवड़े बिछाए रहता है। व्यापारी लार टपकाते हैं। लफंडर मन मसोस कर देखे रहते हैं। मार्च से जून तक चार महीने […]

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रुदपुर डिवाइडर किनारे लगाए पौधै मुरझाये हुए

रुद्रपुर में सिंचाई के नाम पर लाखों डकारने के बाद भी डिवाइडर किनारे लगे पौधे सूखने की कगार पर

विनोद पनेरू रुद्रपुर। अपने बैंक खाते को नोटांें की गडिडयों से सींचने के बाद भी अफसरों की संवेदना नहीं जागी। जिन पौधों को लगाने, सिंचाई व देखभाल के नाम पर करीब 15 लाख से अधिक का बजट खपा दिया गया हो वे पौधे आज सिंचाई व देखरेख के अभाव मेें सूखने की कगार पर पहुंचे […]

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पंतनगर सिडकुल में सुलग रही श्रमिक असंतोष की भयंकर चिंगारी, प्रबंधन को ले डुबेंगी लपटें

सिडकुल पंतनगर में श्रमिकांें के हालात कुछ ठीक नहीं हैं। काम का बोझ, नौकरी का भरोसा नहीं, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न की इंतहां। प्रबंधन और श्रम अफसरों की मिलीभगत से श्रम कानूनों की सरेआम धज्जियां। सर्दी, गर्मी में हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी ठेकेदार के आगे तनख्वाह के लिए गिड़गिड़ाना, यही नियति बन गई है […]

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तनुजा पनेरू

ऐ स्कूल मुझे जरा फिर से बुलाना

ऐ स्कूल मुझे जरा फिर से बुलाना कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना वो अपने बाल खुद का न बन पाना पीटी शूज को चैक से चमकाना वो काले जूतों को मौजे से पोछ जाना ऐ मेरे स्कूल मुझे फिर से बुलाना वो बड़े नाखूनों को दांत से चबाना और लेट आने पर मैदान के […]

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