नैनीताल के नए डीएम विनोद कुमार सुमन

17 साल में नैनीताल में बदल गए 16 डीएम, दीपेंद्र भी पूरा नहीं कर सके एक साल का कार्यकाल

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नैनीताल का अब नया निजाम, दीपेंद्र गए विनोद आए
विनोद पनेरू
हल्द्वानी। जिलों के विकास का दारोमदार संभालने वाले अधिकारियों का उत्तराखंड में कब तबादला हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इससे जहां नये अधिकारी को क्षेत्र की समस्या समझने में वक्त लगता है वहीं जिलों का विकास भी प्रभावित होजा है। राज्य बनने के 17 साल के दौरान ही नैनीताल जिले में 15 जिलाधिकारी बदल चुके हैं। वर्तमान डीएम दीपेंद्र चौधरी एक साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके और 11 माह के कार्यकाल में ही उन्हें अपर सचिव शहरी विकास देहरादून बनाकर स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं नैनीताल के 16 जिलाधिकारी के रूप में विनोद कुमार सुमन को जिम्मेदारी दी गई है।
नैनीताल के नए जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन होंगे। शासन अपर सचिव भूपाल सिंह ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिये हैं। वहीं नैनीताल के वर्तमान जिलाधिकारी दीपेंद्र कुमार चौधरी को अपर सचिव शहरी विकास बनाकर देहरादून भेज दिया गया है। दीपेंद्र चौधरी ने अप्रैल 2017 मेें ही जिले मेें पदभार संभाला था। स्थानांतरण की वजह जो भी हो मगर बार-बार आलाधिकारियों के तबादले का असर जिलों के विकास पर साफ तौर पर प्रभावित होता है। राज्य बनने के बाद से अब तक नैनीताल जिला 15 जिलाधिकारियों का कार्यकाल देख चुका है। उपलब्ध सूची के अनुसार 2000 से 2001 तक आराधना शुक्ला नैनीताल की डीएम रहीं। 2001-2002 तक उत्पल कुमार सिंह, 2002 से 2004 तक अमित कुमार घोष, 2004-2004 तक आनंद बर्धन डीएम के पद पर तैनात रहे। 2004 से 2006 तक राकेश कुमार, 2006 से 2007 तक भूपेंद्र कौर, 2007 से 2008 तक आरके सुधांशु ने कार्यभार संभाला। 2008-2008 तक अमित सिंह नेगी, 2008 से 2009 तक हरिताश गुलशन, 2009 से 2011 तक शैलेष बगौली, 2011 से 2013 तक निधिमणी त्रिपाठी यहां की जिलाधिकारी रहीं। इसके बाद 2013 से 2014 तक अरविंद सिंह हयांकी, 2014-2014 तक अक्षत गुप्ता जबकि 2014 से अप्रैल 2017 तक दीपक रावत नैनीताल के डीएम रहे। निवर्तमान डीएम दीपेंद्र चौधरी ने अप्रैल 2017 मेें ही यहां का कार्यकाल संभाला था और अभी उनके कार्यकाल को महज 11 माह ही हुए थे। अब नैनीताल के 16वें डीएम के रूप में विनोद कुमार सुमन को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इस तरह देखा जाए तो नौ नवम्बर 2000 को राज्य गठन के बाद नैनीताल जिले में 16 जिलाधिकारी बदल चुके हैं। अधिकांश निर्धारित तीन साल की समयअवधि भी पूरा नहीं कर सके। बार-बार अधिकारियों के तबादले का असर जिले के विकास पर पड़ता स्वाभाविक है। इससे जनता को भी समस्या निस्तारण के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि नए अधिकारी को समस्याओं को समझने में समय लगना स्वाभाविक है।

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