तनुजा पनेरू

ऐ स्कूल मुझे जरा फिर से बुलाना

करियर मेरी कलम से स्थानीय

ऐ स्कूल मुझे जरा फिर से बुलाना
कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना
वो अपने बाल खुद का न बन पाना
पीटी शूज को चैक से चमकाना
वो काले जूतों को मौजे से पोछ जाना
ऐ मेरे स्कूल मुझे फिर से बुलाना

वो बड़े नाखूनों को दांत से चबाना
और लेट आने पर मैदान के चक्कर लगाना
वो पेपर के समय क्लास में ही रुक जाना
पकड़े जाने पर पेट दर्द का बहाना बनाना
ऐ स्कूल मुझे फिर से बुलाना

वो टिफिन के डिब्बे को फुटबाल बनाना
ठोकर मार-मार कर घर तक ले जाना
दोस्त के बैठने से पहले बेंच को सरकाना
और उसके गिरने पर जोर से मुस्कुराना
ऐ स्कूल मुझे फिर से बुलाना
गुस्से में एक दूसरे के कमीज में स्याही लगाना
वो गेम्स पीरियड में टीचर को पटकना
यूनिट टेस्ट को टालने के लिए गिड़गिड़ाना
जाड़ों में बाहर धूप में क्लास लगाना
और घर परिवार के किस्से सुनते जाना
ऐ स्कूल मुझे फिर से बुलाना

-तनुजा पनेरू, कक्षा- 12
पिता का नाम- भुवन चंद्र पनेरू
स्कूल- खालसा नेशनल बालिका इंटर कालेज, हल्द्वानी, नैनीताल

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